किसी ने क्या खूब कहा है –
इस जीवन की चादर में
सांसों के ताने बाने हैं,
दुख की थोड़ी सी सलवट है,
सुख के कुछ फूल सुहाने हैं.
क्यों सोचे आगे क्या होगा,
अब कल के कौन ठिकाने हैं,
ऊपर बैठा वो बाजीगर ,
जाने क्या मन में ठाने है,
चाहे जितना भी जतन करे
भरने का दामन तारों से,
झोली में वो ही आएँगे,
जो तेरे नाम के दाने है.|
खुश रहिए मस् तरहिए आबाद रहीये.